
बीकानेर. मानसून लगभग विदा हो चुका है। वापस जा रहे छितराए बादल ही आसमान में दिखाई दे रहे हैं। छिटपुट बारिश हो रही है लेकिन फसलों को इकजाई बारिश का इंतजार है। सितंबर के अंत में कुछ जगह मोठ की फसल तो कटान पर शुरू हो जाएगी लेकिन बाजरा, ग्वार जैसी कई फसलों को सिंचाई की जरूरत है। ऊंचाई और टीले की फसलों पर ज्यादा संकट देराजसर में पिछले एक महीने से बारिश न होने से फसलें सूखने लगी है। क्षेत्र के कई ऐसे इलाके हैं जहां एक महीने से बारिश नहीं हुई। संकट उन फसलों पर ज्यादा है जो ऊचाई या टीले पर हैं क्योंकि वहां बारिश का पानी ठहरता नहीं है। समतल खेत में बारिश का पानी सोख लेता है। इसलिए वहां जैसे-तैसे काम चल रहा है लेकिन टीले की फसलों को सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है। ऊपर से दक्षिण-पश्चिमी हवा भी टीले या ऊंचे खेतों को पहले सुखा रही है। मानसून विदा होने के कारण अब बारिश की उम्मीद भी कम है। अधिकारी भी चिंतित बीकानेर और कोटा संभाग से मानसून अंतिम चरण में है। अब जो भी बारिश होगी वो पश्चिमी विक्षोभ के कारण ही होने की संभावना है। कृषि विभाग के अधिकारी भी बारिश...
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