इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने देश के खिलाफ जंग छेड़ने की साजिश और आरडीएक्स व डेटोनेटर रखने के मामले में मोहम्मद तारिक कासमी को जमानत दे दी है. कासमी के खिलाफ 2007 में लखनऊ, बनारस और फैजाबाद में हुए कचहरी विस्फोट का भी आरोप है.
न्यायमूर्ति ए आर मसूदी और न्यायमूर्ति सरोज यादव की खंडपीठ ने कासमी की अपील पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया. अदालत ने गत 23 मार्च को सुनवाई पूरी की थी और मंगलवार को फैसला आया. अपने आदेश में अदालत ने कहा कि अपीलकर्ता कासमी के पास से हुई बरामदगी के आधार पर मुकदमा चलाया गया जबकि अभियोजन पक्ष ने बरामदगी का किसी दूसरे अपराध से संबंध साबित नहीं किया है.
उल्लेखनीय है कि उप्र पुलिस ने 22 दिसंबर, 2007 को कासमी को एक अन्य आरोपी मुजाहिद के साथ बाराबंकी रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया और उसके पास से डेटोनेटर और आरडीएक्स बरामद करने का दावा किया था.
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