Wednesday, March 1, 2023

त्रिपुरा, मेघालय, नागालैंड चुनाव परिणाम 2023: BJP का बढ़ेगा असर या लेफ्ट, क्षेत्रीय दल फिर बनाएंगे वर्चस्व...?

Live चुनाव परिणाम 2023: पूर्वोत्तर के तीन राज्यों त्रिपुरा,मेघालय और नागालैंड के चुनाव परिणाम गुरुवार को सामने आएंगे. केंद्र में एनडीए सरकार का नेतृत्व कर रही भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लिए इन राज्यों में काफी कुछ दांव पर लगा हुआ है. इन राज्यों के चुनाव परिणाम इस बात का संकेत देंगे कि बीजेपी ने 2018 में वाम दलों से उनके गढ़ त्रिपुरा को छीनने के बाद से वहां अपनी जड़ें मजबूत की हैं या नहीं? चुनाव परिणामों से यह भी साफ होगा कि पूर्वोत्तर के अधिकांश राज्यों की सत्तासीन बीजेपी मेघालय और नागालैंड में अपनी पैठ और मजबूत करने में सफल हुई है या नहीं, या फिर विपक्ष उसके प्रभाव में सेंध लगाने में कामयाब रहा है.

पूर्वोत्तर के इन तीन राज्यों में त्रिपुरा पर सबकी निगाहें टिकी हैं क्योंकि लंबे समय तक वाम मोर्चा के गढ़ रहे त्रिपुरा में 2018 में दक्षिण पंथी पार्टी बीजेपी ने अत्यंत महत्वपूर्ण जीत दर्ज की थी. यह इस राज्य की राजनीतिक रवायत को बदल डालने वाली घटना थी. इस बार का चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि पारंपरिक प्रतिद्वंद्वियों कांग्रेस और वाम दलों ने राज्य की 60 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव में बीजेपी को चुनौती देने के लिए पहली बार हाथ मिलाया है.

राष्ट्रीय दलों के बीच इस लड़ाई में प्रद्योत देबबर्मा के नेतृत्व वाला दल तीपरा मोथा भी त्रिपुरा के चुनाव मैदान में है जो इस प्रदेश की राजनीति में एक प्रभावी ताकत के रूप में उभरा है. जनजातीय आबादी के एक बड़े हिस्से के बीच प्रभाव रखने वाले इस दल ने पारंपरिक पार्टियों को परेशानी में डाल दिया है. 

त्रिपुरा में पिछले चुनाव में बीजेपी ने 36 और आईपीएफटी ने आठ सीटें जीती थीं. आईपीएफटी के संस्थापक एनसी देबबर्मा के निधन के बाद माना जा रहा है कि पार्टी की प्रभाव कम हुआ है. ऐसे में बहुमत हासिल करने का भार काफी हद तक बीजेपी के कंधों पर है जबकि उसके दो मुख्य प्रतिद्वंद्वी एकजुट हो गए हैं.

दो दशक तक वाम दलों के गढ़ रहे त्रिपुरा में बीजेपी 2013 के चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत सकी थी. लेकिन 2018 में बीजेपी ने आश्चर्यजनक बढ़त हासिल करके सत्ता हथिया ली और इस विजय को अपने प्रतिद्वंद्वियों पर अपनी वैचारिक जीत के रूप में पेश किया था.ऐसे में बीजेपी यदि यहां हारती है तो उसे एक झटके के रूप में देखा जाएगा. भले ही राष्ट्रीय राजनीतिक परिदृश्य में त्रिपुरा का अपेक्षाकृत मामूली असर हो.

विधानसभा चुनाव 2023 में त्रिपुरा में त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिला. पोल ऑफ एक्ज़िट पोल्स के मुताबिक, BJP 32 विधानसभा सीटें जीतकर 2018 की ऐतिहासिक जीत को दोहरा सकती है. वाम-कांग्रेस गठबंधन को 15 सीटें मिल सकती हैं, जबकि प्रद्योत देबबर्मा की अगुवाई वाली टिपरा मोथा पार्टी को 12 सीटों पर जीत हासिल होने के आसार हैं.

मेघालय और नागालैंड, दोनों ही राज्यों के क्षेत्रीय दल वहां की राजनीति के बड़े खिलाड़ी बने हुए हैं. इस बार बीजेपी ने पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह सहित अपने सभी बड़े नेताओं के साथ राज्यों में अपनी पैठ बढ़ाने के लिए जोरदार चुना्व अभियान चलाया. पहली बार बीजेपी मेघालय की सभी 60 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. बीजेपी नेशनल पीपुल्स पार्टी के नेता और मुख्यमंत्री कोनराड संगमा पर देश की सबसे भ्रष्ट राज्य सरकार चलाने का आरोप लगाती रही है.

मेघालय में बीजेपी कोनराड संगमा के नेतृत्व वाली सरकार में साझेदार थी लेकिन चुनाव से पहले उसने गठबंधन तोड़ लिया था. बीजेपी को उम्मीद है कि विधानसभा में उसकी ताकत बढ़ेगी. पिछले चुनाव के बाद वहां विधानसभा त्रिशंकु बनी थी और इस बार भी ऐसी ही संभावना जताई जा रही है. पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए बीजेपी के रणनीतिकार और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व शर्मा ने मतदान के बाद संगमा से मुलाकात की थी और संकेत दिया था कि दोनों दल फिर से साथ मिलकर काम कर सकते हैं.

NDTV के पोल ऑफ एक्ज़िट पोल्स के मुताबिक, मेघालय में मुख्यमंत्री कानराड संगमा की नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) 20 सीटों पर जीत के साथ सबसे बड़ी पार्टी बन सकती है, जबकि 60-सदस्यीय विधानसभा में तृणमूल कांग्रेस (TMC) भी 11 सीटों पर जीत हासिल कर सकती है. पोल ऑफ एक्ज़िट पोल्स के अनुसार, कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (BJP) को 6-6 सीटों पर जीत मिलने के आसार हैं, जबकि 17 सीटें अन्य पार्टियों के खाते में जा सकती हैं.

इन चुनावों का एक और दिलचस्प पहलू यह है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस भी मैदान में है. बंगाल की इस सत्ताधारी पार्टी ने भी इन चुनावों में पूरी ताकत झोंकी है. उसकी कोशिश खुद को कांग्रेस की तुलना में बीजेपी के खिलाफ एक मजबूत प्रतिद्वंद्वी के रूप में पेश करना है. कांग्रेस ने भी इन राज्यों में व्यापक प्रचार अभियान चलाया. राहुल गांधी ने मेघालय में एक रैली की थी. कांग्रेस की कोशिश अपने खोए हुए प्रभाव को वापस पाने की है. 

नागालैंड में बीजेपी फिर से एनडीपीपी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ी है. चार अलग-अलग एक्ज़िट पोल के औसत के मुताबिक, नागालैंड में BJP और नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (NDPP) गठबंधन के विजयी होकर राज्य में सत्ता बरकरार रखने की संभावना है. NDPP ने 40 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जबकि शेष 20 सीटों पर BJP ने किस्मत आज़माई है. एक सीट, यानी अकुलुतो विधानसभा सीट पर BJP पहले ही जीत हासिल कर चुकी है, जहां से उसके मौजूदा विधायक काझेतो किनिमी को उनके एकमात्र प्रतिद्वंद्वी के दौड़ से हटने के बाद निर्विरोध चुना गया.



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