Sunday, September 15, 2024

'मौत का गटर' बन गया है ओल्ड फरीदाबाद का अंडरपास, दो मौतों के बाद भी प्रशासन लापरवाह

ओल्ड फरीदाबाद के अंडरपास में दो दिन पहले कार सवार दो बैंक कर्मियों की बरसात के पानी में डूबने से मौत हो गई. लेकिन अभी भी वहां पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है. पानी को सुखा दिया गया है लेकिन अभी भी गंदगी का अंबार लगा हुआ है. घटना के दो दिन बाद अब बैरिकेटिंग लगा दी गई है. आने जाने पर रोक है. लेकिन सफाई की व्यवस्था के नाम पर अभी भी अंडरपास में कूड़ा फैला हुआ है. 

रेस्क्यू करने वाले प्रदीप ने बताया कि, हमें सूचना मिली कि कार डूब गई है. हम आए और रेस्क्यू किया. घटना से दो घंटे पहले भी एक लड़की की कार डूब गई थी. हमने उसको निकाला. वह दोनों कैसे घुस आए और पुलिस उन्हें क्यों नहीं रोक पाई, यह पता नहीं है.

स्थानीय लोगों की मानें तो यहां हर बरसात में ऐसी स्थिति रहती है. यहां पर हर बार पानी भर जाता है और गंदगी लंबे समय तक बनी रहती है. प्रदीप ने बताया कि, यहां हर बरसात में पानी भरा रहता है. गंदगी की स्थिति दो महीने तक ऐसे ही रहती है. बीच में बड़ी गंदगी हटा दी जाती है, छोटी गंदगी हमेशा ऐसी रहती है और लोगों को इसमें ऐसे ही सफर करना पड़ता है. सारी गलती इंजीनियर की है.

महिला उर्मिला ने बताया कि हर बरसात में ऐसा ही पानी भरा रहता है. लोगों को बहुत दिक्कत होती है. कोई कार्रवाई नहीं होती है.

अंधकार में डूबा अंडरपास

इस बीच रेस्क्यू का एक वीडियो सामने आया है जिसमें दिख रहा है कि अंडरपास के नीचे पानी भरा है और किस तरह लोग रस्सी से कार को खींच रहे हैं ताकि शवों को निकाला जा सके. हैरानी की बात यह है कि अंडरपास में लाइट नहीं है और वीडियो में साफ दिख रहा है की रेस्क्यू के लिए कार की हेडलाइट का इस्तेमाल किया जा रहा है. प्रदीप ने बताया कि, यहां पर सबसे बड़ी दिक्कत लाइट की है. अंडरपास के नीचे कोई लाइट नहीं है. हमेशा अंधेरा बना रहता है.

ऐसी में बड़ा सवाल यह है कि करोड़ों रुपये खर्च करके बनाए गए इस अंडरपास को क्या भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है. गुरुग्राम से मथुरा रोड जाने के लिए लोग बड़ी संख्या में इस अंडरपास का इस्तेमाल करते हैं. इसके बावजूद यहां अंधेरा बना हुआ है.

पानी के निकलने की व्यवस्था नहीं

ओल्ड फरीदाबाद के अंडर पास को लोग मौत का गटर बता रहे हैं. प्रदीप ने कहा कि, यह अंडरपास नहीं है यह मौत का गटर है.. हर साल ऐसे पानी भरा रहता है. सबसे बड़ी कमी इंजीनियर की है जिन्होंने इसको बनाया है. पानी के निकलने की कोई व्यवस्था नहीं है. हम लोग नगर निगम से कह कहकर थक गए हैं लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. या तो इसका कोई निदान किया जाए या फिर इसे बंद कर दिया जाए. अगर अब इसको प्रशासन ने बंद नहीं किया तो हम अपनी गाड़ी खड़ी करके इसको बंद कर देंगे. यह समस्या सिर्फ यहीं नहीं बल्कि फरीदाबाद में कई जगह है.

यहां के निवासियों की मानें तो हर साल इस अंडरपास के पानी में फंसकर लोगों की मौत होती है. उनका कहना है कि जब से यह बना है तब से 8 से 10 लोगों की मौत हो चुकी है. लेकिन प्रशासन जागने को तैयार नहीं है.

ऐसे में इस घटना ने अब कई बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं. इन मौतों का जिम्मेदार कौन है? इतने बड़े अंडरपास में लाइट की सुविधा क्यों नहीं है? अंडरपास के निर्माण में क्यों गड़बड़ी की गई? जब हर साल अंडरपास के नीचे पानी भर जाता है तो बेरीकेटिंग करके गाड़ियों को क्यों नहीं रोका जाता?

घटना के लिए जिम्मेदारी तय नहीं हुई

हालांकि अब तक घटना की जिम्मेदारी किसी की तय नहीं हुई है और ना ही इसके जिम्मेदार लोग कुछ खुलकर बोल रहे हैं. एनडीटीवी की टीम ने जब नगर निगम का दौरा किया तो लगातार दूसरे दिन भी अधिकारी और कर्मचारी नदारत दिखे. एनडीटीवी की टीम ने जब नगर निगम कमिश्नर के आवास का दौरा किया तो पता चला कि वे दिल्ली में हैं. 

यह स्थिति सिर्फ नगर निगम के अधिकारियों की नहीं है बल्कि पुलिस प्रशासन भी छुट्टी का आनंद उठा रहा है. हमारे संवाददाता ने जब पुलिस कमिश्नर और डीसीपी एनआईटी फरीदाबाद को फोन किया तो उनका भी फोन नहीं उठा. लेकिन जब हमारे संवाददाता ने उत्तर रेलवे फरीदाबाद के वरिष्ठ खंड इंजीनियर से बात की तो उन्होंने कहा कि इसकी जिम्मेदारी नगर निगम की है. जबकि दिल्ली में बैठे उत्तर रेलवे के इंजीनियर कंट्रोल अधिकारी को घटना की जानकारी तक नहीं है.

मामले में दर्ज नहीं की गई एफआईआर

इस मामले में अभी तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई. लेकिन पुलिस का कहना है कि  BNS की धारा 194 के तहत कार्रवाई की गई. मृतक के परिजनों का बयान लिया गया है और पोस्टमार्टम करके शव उनको दे दिए गए हैं. पुलिस की मानें तो परिजनों ने FIR के लिए कोई शिकायत नहीं दी है.

फरीदाबाद भले ही स्मार्ट सिटी हो गई है लेकिन दो लोगों की मौत ने इसकी स्मार्टनेस पर सवाल खड़े कर दिए हैं. क्योंकि अंडरपास बनने के बाद से हर साल लोगों की मौत हो रही है. ताजा घटना को लेकर अब तक किसी की जवाबदेही तय नहीं हुई है. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या इस घटना के बाद कोई कार्रवाई होगी या वही सूरते हाल बना रहेगा. 

यह भी पढ़ें -

दो बैंकरों की मौत के बाद भी नींद में प्रशासन, नहीं सुधरी हालत; जिम्मेदार कौन बारिश या सिस्टम?



from NDTV India - Latest https://ift.tt/C85dx4K

No comments:

Post a Comment