Friday, December 12, 2025

42 दिन, 42 सरेंडर... नक्सलवाद के अंत की आहट, जंगलों में खामोश हो रही हैं लाल क्रांति की बंदूकें

लाल गलियारा, जो कभी देश की सबसे बड़ी सुरक्षा चुनौती था. आज इतिहास बनने की कगार पर है. बंदूकें खामोश हैं, कमांडर या तो मारे जा चुके हैं या आत्मसमर्पण कर चुके हैं और जंगल अब डर की नहीं, नए भारत की कहानी सुनाने लगे हैं.

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